विभिन्न रामायण एवं गीता >> भगवती गीता भगवती गीताकृष्ण अवतार वाजपेयी
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गीता का अर्थ है अध्यात्म का ज्ञान ईश्वर। ईश्वर शक्ति द्वारा भक्त को कल्याण हेतु सुनाया जाय। श्रीकृष्ण ने गीता युद्ध भूमि में अर्जुन को सुनाई थी। भगवती गीता को स्वयं पार्वती ने प्रसूत गृह में सद्य: जन्मना होकर पिता हिमालय को सुनाई है।
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- अपनी बात
- कामना
- गीता साहित्य
- भगवती चरित्र कथा
- शिवजी द्वारा काली के सहस्रनाम
- शिव-पार्वती विवाह
- राम की सहायता कर दुष्टों की संहारिका
- देवी की सर्वव्यापकता, देवी लोक और स्वरूप
- गीता साहित्य
- शारदीय पूजाविधान, माहात्म्य तथा फल
- भगवती का भूभार हरण हेतु कृष्णावतार
- कालीदर्शन से इन्द्र का ब्रह्महत्या से छूटना-
- माहात्म्य देवी पुराण
- कामाख्या कवच का माहात्म्य
- कामाख्या कवच
- प्रथमोऽध्यायः : भगवती गीता
- द्वितीयोऽध्याय : शरीर की नश्वरता एवं अनासक्तयोग का वर्णन
- भगवती चरित्र कथा
- तृतीयोऽध्यायः - देवी भक्ति की महिमा
- चतुर्थोऽध्यायः - अनन्य शरणागति की महिमा
- पञ्चमोऽध्यायः - श्री भगवती गीता (पार्वती गीता) माहात्म्य
- श्री भगवती स्तोत्रम्
- लघु दुर्गा सप्तशती
- रुद्रचण्डी
- देवी-पुष्पाञ्जलि-स्तोत्रम्
- संक्षेप में पूजन विधि
- माहात्म्य देवी पुराण (पार्वती गीता-देवी गीता)
- कामाख्या कवच
- प्रथमोऽध्यायः-भगवती गीता
- द्वितीयोऽध्यायः-शरीर की नश्वरता एवं अनासक्तयोग का वर्णन
- तृतीयोऽध्यायः-देवी भक्ति की महिमा
- चतुर्थोऽध्यायः-अनन्य शरणागति की महिमा
- पंचमोऽध्यायः-श्री भगवती गीता (पार्वती गीता) माहात्म्य
- श्री भगवती स्तोत्रम्
- लघु दुर्गा सप्तशती
- रुद्रचण्डी
- देवी-पुष्पांजलि-स्तोत्रम्
- संक्षेप में पूजन विधि
अनुक्रम
विनामूल्य पूर्वावलोकन
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